भव सु पार उतारो गुरासा भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










भव सु पार उतारो गुरासा
बंधीयो जीव मारो अशुभ कर्म में
बंधीयो जीव मारो अशुभ कर्म मे
माया रो बंधीयो जालो ए हा
सोहन थाल भरीयो पृथ्वी मे
सोहन थाल भरीयो पृथ्वी मे
ज्यारो पकडो लारो गुरासा
भव सु पार उतारों ए हा
कदेनी भूलू गुण थारो गुरासा
कदेनी भूलू गुण थारो गुरासा
घट में दया विचारो ए हा।।


गुण है एक अवगुण घणा भरीया
गुण है एक अवगुण घणा भरीया
करनी रे सामी क्यो भालो ए हा
मुझ पर महर करो मेरे दाता
मुझ पर महर करो मेरे दाता
बनकर हंस ऊबारो गुरासा
भव सु पार उतारों ए हा
कदेनी भूलू गुण थारो गुरासा
कदेनी भूलू गुण थारो गुरासा
घट में दया विचारो ए हा।।


इन्द्र आप मोर ज्यु मै हूँ
इन्द्र आप मोर ज्यु मै हूँ
बोलन रो हक है मारो ए हा
मारी बोली पर नही बरसो तो
मारी बोली पर नही बरसो तो
नही लागे जोर हमारो गुरासा
भव सु पार उतारों ए हा
कदेनी भूलू गुण थारो गुरासा
कदेनी भूलू गुण थारो गुरासा
घट में दया विचारो ए हा।।









दुर्बल मै तो कहिजु राज रो
दुर्बल मै तो कहिजु राज रो
चाहे मारो चाहे तारो ए हा
कहे दुराराम सेन सतगुरु री
कहे दुराराम सेन सतगुरु री
दिल में दया विचारो गुरासा
भव सु पार उतारो ए हा
कदेनी भूलू गुण थारो गुरासा
कदेनी भूलू गुण थारो गुरासा
घट में दया विचारो ए हा।।
गायक प्रकाश माली जी।
प्रेषक मनीष सीरवी
9640557818










bhav su paar utaaro gurasa lyrics