भव से तिरा दे बिगडी हुई बात बनादे लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










भव से तिरा दे
बिगडी हुई बात बनादे
पार लगादे मेरे सावरे।।
तर्ज गोरी है कलाइयां।


बिगड़ी बनाई हरि ने
नरसी भगत की
लाज राखि है प्रभु ने
भात भरण की
आराधन जोड़ी
कोई छप्पन करोड़ी
भात भरायो मेरे सावरे
भव से तिरा दें
बिगडी हुई बात बनादे
पार लगादे मेरे सावरे।।


कौरव सभा में हारी
पाण्डव की नारी
होइ के अनाथ नाथ
द्रोपदी उबारी
धर्म की धजिया
लाज अबला की रखिया
चीर बढ़ायो मेरे सावरा
भव से तिरा दें
बिगडी हुई बात बनादे
पार लगादे मेरे सावरे।।









अजामिल गज गीध
गणिका को तारी
सज्जन कसाई केवट
सबरी उबारी
कई लख तारी
अब भैरव की बारी
शरण तुम्हारी मेरे सावरा
भव से तिरा दें
बिगडी हुई बात बनादे
पार लगादे मेरे सावरे।।


भव से तिरा दे
बिगडी हुई बात बनादे
पार लगादे मेरे सावरे।।
गायक रामप्रसाद वैष्णव।
प्रेषक चारभुजा साउंड जोरावरपुरा।
9460405693










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