भाव ऱाखजो भक्ति वेला नोम से मुक्ति - MadhurBhajans मधुर भजन










भाव ऱाखजो भक्ति
वेला नोम से मुक्ति
साधु सदानन्द भेला
ज्योरे क्या करे जम नेड़ा।।


सतगुरु मिल्या पागी
मारी सुरता सुन्दरी जागी
मनड़ो भयो वैरागी
ज्योने सुखमण कुसी लाधी
भाव ऱाखजों भक्ति
वेला नोम से मुक्ति
साधु सदानन्द भेला
ज्योरे क्या करे जम नेड़ा।।


रंग पोचौरा कटिया ज्योरे
कर्म भ्रम सब घटिया
मन पवन दोय झुकिया
वे निज नोम ने रटिया
भाव ऱाखजों भक्ति
वेला नोम से मुक्ति
साधु सदानन्द भेला
ज्योरे क्या करे जम नेड़ा।।


नदी समुंदर एका
मिट गया दिल रा धोखा
गुरु देश देख्या अनौखा
मेने इन नजरो से देखा
भाव ऱाखजों भक्ति
वेला नोम से मुक्ति
साधु सदानन्द भेला
ज्योरे क्या करे जम नेड़ा।।









नही दिवलो नही बाती
नही दिवस नही राती
गावे बगसो खाती
वो अमरापुर रो वासी
भाव ऱाखजों भक्ति
वेला नोम से मुक्ति
साधु सदानन्द भेला
ज्योरे क्या करे जम नेड़ा।।


भाव ऱाखजो भक्ति
वेला नोम से मुक्ति
साधु सदानन्द भेला
ज्योरे क्या करे जम नेड़ा।।
गायक जोग भारती जी।
प्रेषक पुखराज पटेल बांटा
9784417723










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