भक्ति रो दान म्हाने देवजो मारवाड़ी देसी भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










भक्ति रो दान म्हाने देवजो
गुरु देवो रा देवा रे
जन्म धार बिछडु नहीं
करू चरणों री सेवा रे
भक्ति रो दान दाता देवजो।।


सबरे सुखा रो शुख नाम है
गुरु कृपा कीजो
भव सागरिया सु तार
ने अपणो कर लीजो
भक्ति रो दान दाता देवजो।।


कंचन मेर सुमेर है
गज हस्ती रा दाना रे
करोड़ गऊ कन्या दान में
तोय नहीं नाम समाना
भक्ति रो दान दाता देवजो।।


राजपाट सुख सायबि
वचना सुख नारी रे
इतरा तो मांगू नहीं
गुरु म्हाने आण तुम्हारी
रे भक्ति रो दान गुरूसा
भक्ति रो दान दाता देवजो।।









करामात करतुत है
गढ़ वेंकुंठा रा वाचा रे
इतरा तो मांगू नहीं
जब तक पिंजरिया में साँचा
भक्ति रो दान दाता देवजो।।


मर रे जाऊ मांगू नहीं
तन अपने काजा रे
परमार्थ रे कारणे
मांगत आवे नहीं लाजा रे
भक्ति रो दान दाता देवजो।।


धर्मिदास री विनति
अविगत सुण लीजो रे
अंतर पर्दा खोल के
गुरु म्हाने दर्शण दीजो रे
भक्ति रो दान दाता देवजो।।


भक्ति रो दान म्हाने देवजो
गुरु देवो रा देवा रे
जन्म धार बिछडु नहीं
करू चरणों री सेवा रे
भक्ति रो दान दाता देवजो।।
भजन प्रेषक
स्वरूप सिंह राजपुरोहित
9783587023










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