भक्ति रा मार्ग झीणा रे संतो राजस्थानी भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
भक्ति रा मार्ग झीणा
भक्ति रा मार्ग दुजा रे साधु भई
भगती रा दुजा रे साधु भई
भगती रा मार्ग झीणा
थोडो समझेनी थोडो समझेनी
थोडी समझ पकड मन सुआ
कबीर केवे भगती रा मार्ग झीणा।।
अरे एक नर बामण दोय नर बामण
बामण घणा घणा हुआ
अरे एक नर बामण दोय नर बामण
बामण घणा घणा हुआ
के साधु भई बामण घणा घणा हुआ
के संतो बामण घणा घणा हुआ
अरे वेद पुराण री खबर नी जानी
वेद पुराण री खबर नी जानी
टिपनो बाछ बाछ मुआ
कबीर केवे भगती रा मार्ग झीणा।।
अरे एक नर बानीया दोय नर बानीया
बानीया घणा घणा हुआ
अरे एक नर बानीया दोय नर बानीया
बानीया घणा घणा हुआ
कबीर केवे बानीया घणा घणा हुआ
के साधु भई बानीया घणा घणा हुआ
अरे पारस नाथ री खबर नी जानी
पारस नाथ री खबर नी जानी
मुंडो बांध मद मुआ
कबीर केवे भगती रा मार्ग झीणा।।
अरे एक नर मुस्लिम दोय नर मुस्लिम
मुस्लिम घणा घणा हुआ
अरे एक नर मुस्लिम दोय नर मुस्लिम
मुस्लिम घणा घणा हुआ
के साधु भई मुस्लिम घणा घणा हुआ
के संतो मुस्लिम घणा घणा हुआ
अरे अल्लाह खुदा री खबर नी जानी
अल्लाह खुदा री खबर नी जानी
गोडा रगड़ ने मुआ
कबीर केवे भगती रा मार्ग झीणा।।
अरे एक नर नाई दोय नर नाई
नाई घणा घणा हुआ
अरे एक नर नाई दोय नर नाई
नाई घणा घणा हुआ
के साधु भई नाई घणा घणा हुआ
के संतो नाई घणा घणा हुआ
अरे सेन भगत री खबर नी जानी
सेन भगत री खबर नी जानी
माथो रगड़ ने मुआ
कबीर केवे भगती रा मार्ग झीणा।।
अरे एक नर माली दोय नर माली
माली घणा घणा हुआ
अरे एक नर माली दोय नर माली
माली घणा घणा हुआ
के साधु भई माली घणा घणा हुआ
के संतो माली घणा घणा हुआ
संत लिखमोजी री खबर नी जानी
संत लिखमोजी री खबर नी जानी
कांदा रोप रोप मुआ
कबीर केवे भगती रा मार्ग झीणा।।
अरे एक नर दरजी दोय नर दरजी
दरजी घणा घणा हुआ
अरे एक नर दरजी दोय नर दरजी
दरजी घणा घणा हुआ
के साधु भई दरजी घणा घणा हुआ
के संतो दरजी घणा घणा हुआ
छिपा पीपा री खबर नी जानी
छिपा पीपा री खबर नी जानी
कपडो काट काट मुआ
कबीर केवे भगती रा मार्ग झीणा।।
अरे एक नर रेगर दोय नर रेगर
रेगर घणा घणा हुआ
अरे एक नर रेगर दोय नर रेगर
रेगर घणा घणा हुआ
के साधु भई रेगर घणा घणा हुआ
के संतो रेगर घणा घणा हुआ
अरे रविदासजी री खबर नी जानी
रविदासजी री खबर नी जानी
खालडा बेच बेच मुआ
कबीर केवे भगती रा मार्ग झीणा।।
अरे केवे कमाल सुनो भई साधु
साचा संत वे हुआ
अरे केवे कमाल सुनो भई संतो
साचा संत वे हुआ
अरे साचा संत वे हुआ
कबीर सा साचा संत वे हुआ
अरे हरि नाम री डोरी पकडी
हरि नाम री डोरी पकडी
आवागमन नही हुआ रे संतो
भक्ति रा मार्ग झीणा
भगती रा मार्ग झीणा।।
गायक मोईनुद्दीन जी मनचला।
प्रेषक मनीष सीरवी
9640557818
bhakti ra marag jina re santo lyrics