भक्त शिरोमणि हनुमानजी तु ही देव नरम लागे - MadhurBhajans मधुर भजन










भक्त शिरोमणि हनुमानजी
तु ही देव नरम लागे
जितणी करूं बडाई तेरी
उतणी बाबा कम लागे।।


सियाराम की सेवा में तन्नै
छीकमा वर्ष बिताए थे
जगत भलाई खातर फेर तुम
मेंहदीपुर में आए थे
तेरे द्वार प बजरंगी
सबते ज्यादा दम लागे
जितणी करूं बडाई तेरी
उतणी बाबा कम लागे।।


लाखां करोड़ां की मेरे बाबा
तन्नै बिमारी काट दई
जो भी मांगया वोहे दे क
गम की बादली छाट दई
तेरे दया बिना मेरी जिंदगानी मेंं
बहुत घणा मन्नै गम लागे
जितणी करूं बडाई तेरी
उतणी बाबा कम लागे।।


तेरे नाम मेंं वो शक्ति स
त्रिलोकी गुणगान करः
त्रिलोकी का अंश बणया तुं
मृत लोक तेरा ध्यान धरः
तेरे भक्तां प भुत प्रेत का
सबते कम असर लागे
जितणी करूं बडाई तेरी
उतणी बाबा कम लागे।।









थोड़ी भक्ति तं हो प्रशन
मनभावन दरबार तेरा
भक्तां में शक्ति सी आज्या
आवः मंगलवार तेरा
भजन कीर्तन तेरा जगराता
होती डम डम डम लागै
जितणी करूं बडाई तेरी
उतणी बाबा कम लागे।।


ऐसी मेहर फिरी मेरे बाबा
कमलसिंह की शुद्ध बुद्धि
कुछ त होली शुद्ध तेरे कारण
कुछ होज्यागी इब शुद्धि
संकट मोचन भुल गया त
तन्नै राम की कसम लागै
जितणी करूं बडाई तेरी
उतणी बाबा कम लागे।।


भक्त शिरोमणि हनुमानजी
तु ही देव नरम लागे
जितणी करूं बडाई तेरी
उतणी बाबा कम लागे।।
गायक नरेंद्र कौशिक जी।
प्रेषक राकेश कुमार खरक जाटानरोहतक
9992976579










bhakt shiromani hanumanji tu hi dev naram lage lyrics