भक्त बनता हूँ मगर अधमों का हूँ सरताज भी भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
भक्त बनता हूँ मगर
अधमों का हूँ सरताज भी
देखकर पाखंड मेरा
हंस पड़े ब्रजराज भी।।
कौन मुझसे बढकर पापी
होगा इस संसार में
सुन के पापों कि कहानी
डर गये यमराज भी
भक्त बनता हूं मगर
अधमों का हूँ सरताज भी
देखकर पाखंड मेरा
हंस पड़े ब्रजराज भी।।
क्यों पतित उनसे कहे
सरकार तुम तारो हमें
हैं पतितपावन तो रखेंगे
अपनी लाज भी
भक्त बनता हूं मगर
अधमों का हूँ सरताज भी
देखकर पाखंड मेरा
हंस पड़े ब्रजराज भी।।
बिन्दु दृग के दिल हिला दें
क्यों न दीनानाथ का
दर्द दिल भी साथ है और
दुखभरी आवाज भी
भक्त बनता हूं मगर
अधमों का हूँ सरताज भी
देखकर पाखंड मेरा
हंस पड़े ब्रजराज भी।।
भक्त बनता हूँ मगर
अधमों का हूँ सरताज भी
देखकर पाखंड मेरा
हंस पड़े ब्रजराज भी।।
लेखक श्री बिंदु जी महाराज।
स्वर चित्र विचित्र महाराज जी।
bhakt banata hu magar adhmo ka hu sartaj bhi lyrics