भजन कर भूल मति दिन रात चेतावनी भजन - MadhurBhajans मधुर भजन










भजन कर भूल मति दिन रात
दोहा दुर्गा दया मोहे दीजिए
और दीजे सुधि रो दान
करोड़ गुनाह मैया माफ करो
मैं बालक अनजान।
सरस्वती मैया आप बड़े
आपने दियो उपदेश
आठ पोर चौसठ घड़ी
मैया हिरदे बसो हमेश।
सरस्वती मैया शारदा
मेरे आय सुधारो काज
बैठ सभा के बीच में
मैया राखिजो मोरी लाज।
नमो नमो मेरे मात पिता को
जिणसे रच्यो शरीर
नमो नमो सतगुरु देव ने
म्हारो कियो भजन में सीर।
नमो नमो गुरु देवजी
नमो नमो सब सन्त
नमो नमो पार ब्रह्म को
नमो नमो भगवत।
सत्संग जग में शिरोमणि
ज्यूँ तारों में चन्द
श्री लादुनाथ हरी नाम से
कटे जमो का फ़ंद।


भजन कर भूल मति दिन रात
हरी से डोरी तोड़ मति बंदा
जन्म सफल होय जात
भजन कर भूल मती दिन रात।।


तू है भटकतो क्यूं फिरे रे
मूर्ख पुरूष दिन रात
आयो मुट्टी भींच ने रे
जावे खुले हाथ
भजन कर भूल मती दिन रात।।









पाप कमावे जन्म डुबावे
जमङा पीसे दाँत
धर्मराज थारो लेखों लेसी
कांई केवे उठे बात
भजन कर भूल मती दिन रात।।


केई केई जोधा होया धरण पर
अंत भष्म होय जात
तीन लोक में काळ हैं कागलो
सबको चुग चुग खात
भजन कर भूल मती दिन रात।।


नारी जग में घणेरी होई
सतिया जग में सात
नाव सरीखोई एक है रे
लिया रे करो प्रभात
भजन कर भूल मती दिन रात।।


हरि को भजे सो हरि को प्यारो
ऊंच नीच नहीं जात
कबीर जुलावा सदना कसाई
नायक लादुनाथ
भजन कर भूल मती दिन रात।।


भजन कर भुल मति दिन रात
हरी से डोरी तोड़ मति बंदा
जन्म सफल होय जात
भजन कर भूल मती दिन रात।।
गायक जगदीश पलाणा।
प्रेषक रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर।
9785126052










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