भजन बिन ये जीवन पशु जैसा बीते भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
भजन बिन ये जीवन
पशु जैसा बीते
भजन जो करे नित
वही जग में जीते
भजन बिन यें जीवन
पशु जैसा बीते।।
प्रभु के चरण से
जो रहते है लिपटे
भजन नाम अमृत
वो ही जग में पीते
भजन जो करे नित
वही जग में जीते
भजन बिन यें जीवन
पशु जैसा बीते।।
कहीं वाह का काम
कुछ ना किया जो
वो रोते ही आया
गया रोते रोते
भजन जो करे नित
वही जग में जीते
भजन बिन यें जीवन
पशु जैसा बीते।।
सत्कर्म सेवा जो
कुछ ना किया है
तो जीवन गया
पाप का गांठ ढोते
भजन जो करे नित
वही जग में जीते
भजन बिन यें जीवन
पशु जैसा बीते।।
अगर चाहते हो
तुम दीदार उनका
तो मन रूपी दर्पण
रहो रोज धोते
भजन जो करे नित
वही जग में जीते
भजन बिन यें जीवन
पशु जैसा बीते।।
जब तुम जानते हो
की फल कैसा होगा
तो क्यों खेत में
काँटे का बीज बोते
भजन जो करे नित
वही जग में जीते
भजन बिन यें जीवन
पशु जैसा बीते।।
भजन बिन ये जीवन
पशु जैसा बीते
भजन जो करे नित
वही जग में जीते
भजन बिन यें जीवन
पशु जैसा बीते।।
गायक धीरज कान्त।
bhajan bin ye jeevan pashu jaisa bite lyrics