भज राधे गोविंदा रे पगले भज राधे गोविंदा रे लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










भज राधे गोविंदा रे पगले
भज राधे गोविंदा रे
तन परिंदे को छोड़ कही
उड़ जाये ना प्राण परिंदा रे
भज राधें गोविंदा रे पगले
भज राधे गोविंदा रे।।


झूठी सारी दुनियादारी
झूठा तेरा मेरा रे
आज रुके कल चल देगा
ये जोगी वाला फेरा रे
सब साथी है झूठे जगत के
सच्चा एक गोविंदा रे
भज राधें गोविंदा रे पगले
भज राधे गोविंदा रे।।


इस जीवन में सुख की कलियाँ
और सभी दुःख के कांटें
सुख में हर कोई हिस्सा मांगे
कोई भी ना दुःख बांटे
भेद भाव को छोड़ दे पगले
मत कर तू परनिंदा रे
भज राधें गोविंदा रे पगले
भज राधे गोविंदा रे।।


इस चादर को बड़े जतन से
ओढ़े दास कबीरा रे
इसे पहन विष पान कर गई
प्रेम दीवानी मीरा रे
इस चादर को पाप करम से
मत कर तू अब गन्दा रे
भज राधें गोविंदा रे पगले
भज राधे गोविंदा रे।।









भज राधे गोविंदा रे पगले
भज राधे गोविंदा रे
तन परिंदे को छोड़ कही
उड़ जाये ना प्राण परिंदा रे
भज राधें गोविंदा रे पगले
भज राधे गोविंदा रे।।




प्रेषक ऋषि कुमार विजयवर्गीय।
7000073009










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