बेटी हूँ तो क्या बेटे से ज्यादा फर्ज निभाऊंगी लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










माना कठिन डगर है मेरी
पर मंजिल पा जाउंगी
बेटी हूँ तो क्या बेटे से
ज्यादा फर्ज निभाऊंगी।।
तर्ज क्या मिलिए ऐसे।


आए जो कभी समय बुरा तो
याद मुझे तुम कर लेना
मत कमजोर समझना खुद को
आँख ना आंसू भर लेना
बनकर लाठी संग आपके
बनकर लाठी संग आपके
खड़ी नज़र मैं आउंगी
बेटी हूं तो क्या बेटे से
ज्यादा फर्ज निभाऊंगी।।


मत मारो मुझे कोख में मम्मी
इस धरती पर आने दो
मुझको मेरा हक दो पापा
कुछ करके दिखलाने दो
पढ़ लिखकर के तुम दोनों का
पढ़ लिखकर के तुम दोनों का
मैं सम्मान बढ़ाउंगी
बेटी हूं तो क्या बेटे से
ज्यादा फर्ज निभाऊंगी।।









मुझे मारकर क्या तुम खुद को
माफ़ कभी कर पाओगे
बिन बेटी के बेटे वालो
बहु कहाँ से लाओगे
रिद्धि सिद्धि और सरस्वती
रिद्धि सिद्धि और सरस्वती
लक्ष्मी बन घर भर जाऊँगी
बेटी हूं तो क्या बेटे से
ज्यादा फर्ज निभाऊंगी।।


बहन ना होगी तिलक ना होगा
किसके बिर कहाओगे
यो यो सिंह के दीवानो तुम
लता कहाँ से लाओगे
पोंछ ले आंसू नरसी अब मैं
पोंछ ले आंसू नरसी अब मैं
और नहीं मर पाउंगी
बेटी हूं तो क्या बेटे से
ज्यादा फर्ज निभाऊंगी।।


माना कठिन डगर है मेरी
पर मंजिल पा जाउंगी
बेटी हूँ तो क्या बेटे से
ज्यादा फर्ज निभाऊंगी।।














beti hun to kya bete se jyada farz nibhaungi lyrics