बेफिकर मैं रहता हूँ जबसे उमा लहरी भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
बेफिकर मैं रहता हूँ जबसे
सब मेरी फिकर वो रखता है
मैं नींद चैन की सोता हूँ
मेरी खातिर वो जगता है।।
मंज़ूर नही वो दोनो जहा
जिसमे मेरा श्याम नही बसता
नित्य तू डुबकी लगा मन रे
यहा प्रेम का दरिया बहता है।
बेफिकर मै रहता हूँ जबसे
सब मेरी फिकर वो रखता है
मैं नींद चैन की सोता हूँ
मेरी खातिर वो जगता है।।
वो मनमोहन घनश्याम किशन
छलिया उसके है नाम कई
गागर में कई सागर उसके
दिल खोल लूटाया करता है।
बेफिकर मै रहता हूँ जबसे
सब मेरी फिकर वो रखता है
मैं नींद चैन की सोता हूँ
मेरी खातिर वो जगता है।।
पाने के लिए इच्छाए बहुत
खोने के लिए तो कुछ भी नही
इस मन को तराजू तोलो हरी
लहरी ये भटकता रहता है।
बेफिकर मैं रहता हूँ जबसे
सब मेरी फिकर वो रखता है
मैं नींद चैन की सोता हूँ
मेरी खातिर वो जगता है।।
befikar main rehta hu jabse bhajan lyrics in hindi