बीती जाये उमरिया तू क्यूँ भक्ति से दूर है लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
बीती जाये उमरिया
तू क्यूँ भक्ति से दूर है।।
ये तो ऐसा सरवर
जो डूबे वो तीर जाए
ये बात वही है जाने
जिसपे चढ़ा फितूर है
बीती जाए उमरिया
तू क्यूँ भक्ति से दूर है।।
ये मस्ती जिसपे चढ़ती
वो हो जाए दिवाना
फिर भूलें दुनियादारी
रहे आँखों में हुजूर है
बीती जाए उमरिया
तू क्यूँ भक्ति से दूर है।।
ये महल चौबारे तेरे
ये धन और दौलत
सब यही रह जाना
तू करता गुरुर है
बीती जाए उमरिया
तू क्यूँ भक्ति से दूर है।।
मत पड़ मोह माया में
ये रिश्ते नाते झूठे
जो हरि नाम को भजता
वो रंजो गम से दूर है
बीती जाए उमरिया
तू क्यूँ भक्ति से दूर है।।
बीती जाये उमरिया
तू क्यूँ भक्ति से दूर है।।
beeti jaye umariya tu kyo bhakti se dur hai lyrics