बीरो आयो बियाव कर भदाओ बाई सुगणा ए - MadhurBhajans मधुर भजन
बीरो आयो बियाव कर
भदाओ बाई सुगणा ए
लाडो ए कोडां ए करलो आरती।।
हिवड़ो भरीजै हाथ
धूजै माता म्हारी ए
लाछा ने केवे नी
करले आरती।।
आरती उतारो भीरे री
बाई सुगणा ए
बीतोड़ी बाताँ ने बाई
ए बीसरो।।
मैला कपड़ा पहर कीकर
आई ए बाई सुगणा ए
कोड तो भूली ए कांई ए सासरे
नवा कपड़ा पहरिया जद
भाणु याद आयो रे
आँख्या रा आँसूड़ा
थाळी माय पड़े।।
सुगना री भेळा क्यों
रोवे बाई सुगणा ए
रामदे सा भीरा
जग में जीवता।।
सासरिये सू चाली भीरा
सासू म्हाने भरजी ओ
भंवरू ने लेजाओ मती सासरे।।
रुणेचे में जहर खाय
मरसू भीरा म्हारा रे
पाछी रे पूंगल न
जाऊं रे जीवती।।
गेली गेली बाई थू तो
गेला बोल बोले ए
भाणु तो सुतो रे
सुख री नींद में।।
आओ आओ भाणुड़ा
थाने मामोसा बुलावे रे
महला रे उतरते रा
बाज्या घूघरा।।
सुगणा बाई ने परचो दीनों
हरजी जस गावे ओ
चरणों रो चाकर
पन्नो आपरो।।
बीरो आयो बियाव कर
भदाओ बाई सुगणा ए
लाडो ए कोडां ए करलो आरती।।
गायक बाबूलाल जी संत देऊ।
प्रेषक रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर।
9785126052
beero aayo byav kar badao bai sugna ae lyrics