बीरा थारी चुनड़ली रा चटका है दिन चार भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










बीरा थारी चुनड़ली रा
चटका है दिन चार
पुराणी पड़गी चुनड़ी।।


आंखों से सुजे नहीं रे
सुणे ना दोनु कान
दांत बत्तीसी गिर पड़ी है
बिगड़ी चुनड़ली री शान
बीरा थारी चुनडली रा
चटका है दिन चार
पुराणी पड़गी चुनड़ी।।


सल पड़या शरीर में रे
अब तो भज भगवान
रंग गुलाबी उड़ गयो
बिगड़ी चुनड़ली री सान
बीरा थारी चुनडली रा
चटका है दिन चार
पुराणी पड़गी चुनड़ी।।


सुध बुध भुलियो शरीर को रे
थोड़ो भावे धान
डगमग डगमग नाड़ चाले
अब तू भज भगवान
बीरा थारी चुनडली रा
चटका है दिन चार
पुराणी पड़गी चुनड़ी।।









खाले पिले ओर खर्च ले
कर चुनड़ी रो मान
प्रताप गिरी यू कहते हैं
रखो गुरु चरणों में ध्यान
बीरा थारी चुनडली रा
चटका है दिन चार
पुराणी पड़गी चुनड़ी।।


बीरा थारी चुनड़ली रा
चटका है दिन चार
पुराणी पड़गी चुनड़ी।।
प्रेषक सुभाष सारस्वत काकड़ा।
9024909170










beera thari chunadli ra chatka hai din char lyrics