बता दे क्यूं भूलाया रे भूलाया रे सांवरिया भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










बता दे क्यूं भूलाया रे
भूलाया रे सांवरिया
खाटू वाले खाटू वाले।।
तर्ज बना के क्यूं बिगाड़ा रे।


मैं क्या जानूं दर से तेरे
कौन यहां क्या पाता है
मैं तो बस इतना ही जानूं
मुझको तू ही भाता है
क्यूं बिसरा के
यूं ठुकरा के
भूलाया रे सांवरिया
खाटू वाले खाटू वाले।।


गर तुझको मंजूर नहीं तो
कभी न आऊं मैं दर पे
विनती करूं मैं एक बार बस
हाथ तो धर दे तू सर पे
अपना बना के
ख्वाब दिखा के
भूलाया रे सांवरिया
खाटू वाले खाटू वाले।।









इंसानों की इस बस्ती में
कोई यहां ना मेरा है
ना जाने अब यहां पे कब तक
मेरा श्याम बसेरा है
इक पल हंसा के
जग में फंसा के
भूलाया रे सांवरिया
खाटू वाले खाटू वाले।।


दीन दयालु मैंने सुना है
सबके दुःख तू हरता है
फिर भी तेरे
दर पे जालान
क्यूं ये आहें भरता है
इतना रूला के
दिल को जला के
भूलाया रे सांवरिया
खाटू वाले खाटू वाले।।


बता दे क्यूं भूलाया रे
भूलाया रे सांवरिया
खाटू वाले खाटू वाले।।
गायक उमाशंकर गर्ग।
भजन रचयिता
पवन जालान जी।
9416059499 भिवानी हरियाणा










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