बस तू ही नज़र आये भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
मन रोये मेरा जब भी
तब ओ मेरे सांवरे
मुझे तू नज़र आये
बस तू ही नज़र आये
तक़दीर से मैं अपनी
बैठूं जब हार के
मुझे तू नज़र आये
बस तू ही नज़र आए।।
तर्ज अखियों के झरोखों।
किस्मत में जो था ही नहीं
तूने वो भी दिया
कैसे करूँ बाबा मेरे
मैं तेरा शुक्रिया
बस यूँ ही बरसती रहे
तेरी कृपा ओ सांवरे
उलझन मेरी सारी
एक तू ही तो सुलझाए
मन रोये मेरा जब भी
तब ओ मेरे सांवरे
मुझे तू नज़र आये
बस तू ही नज़र आए।।
जबसे मेरा मन तेरे भजनो में
बाबा खोने लगा है
तबसे प्रभु जीवन मेरा
संवरने लगा है
दिन रात तेरा सुमिरन
बस करता हूँ सांवरे
तेरी याद में सारी ये
उम्र गुज़र जाए
मन रोये मेरा जब भी
तब ओ मेरे सांवरे
मुझे तू नज़र आये
बस तू ही नज़र आए।।
इतनी सी दया रखना प्रभु
फिर से ये जनम मिले
बन के रहूं प्रेमी तेरा
तेरा ही धाम मिले
चरणों में यही विनती
बस करता हूँ सांवरे
हर एक जनम तेरी
बाबा सेवा मिल जाए
मन रोये मेरा जब भी
तब ओ मेरे सांवरे
मुझे तू नज़र आये
बस तू ही नज़र आए।।
मन रोये मेरा जब भी
तब ओ मेरे सांवरे
मुझे तू नज़र आये
बस तू ही नज़र आये
तक़दीर से मैं अपनी
बैठूं जब हार के
मुझे तू नज़र आये
बस तू ही नज़र आए।।
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