बर्तन जोवे वस्तु दीजिए जारो इरखो नी आवे - MadhurBhajans मधुर भजन
बर्तन जोवे वस्तु दीजिए
जारो इरखो नी आवे
बर्तन जोवें वस्तु दीजिए
जारो इरखो नी आवे।।
पेहला उपाई दाता धरतरी
पीछे पवना और पानी
पेलो रे नाम लीजै गणेश रो
जारे रिद्धिसिद्धि आगल वाणी
बर्तन जोवें वस्तु दीजिए
जारो इरखो नी आवे।।
काचे घड़े नीर क्या झले
क्या झले कागद पारा
बुगला मोतिडो ने क्या करे
मोती हंसलो रा सारा
बर्तन जोवें वस्तु दीजिए
जारो इरखो नी आवे।।
अन्धलो आरसी ने क्या करे
क्या मूर्ख माला
गाफल तस्वीर क्या करे
जिन्न घट घोर अंधेरा
बर्तन जोवें वस्तु दीजिए
जारो इरखो नी आवे।।
बिना दीपक केसा देवला
केसा ताटी आड़ा
ताला क्रिया पखीणा साधु
क्या हुआ जामे नीर भरीया खारा
बर्तन जोवें वस्तु दीजिए
जारो इरखो नी आवे।।
बिना फर्जण केसी माँवडि
किन विद आवे पौना
देव डूंगरपुरी जी बोलियां
संतो सही कर लेना
बर्तन जोवें वस्तु दीजिए
जारो इरखो नी आवे।।
बर्तन जोवे वस्तु दीजिए
जारो इरखो नी आवे
बर्तन जोवें वस्तु दीजिए
जारो इरखो नी आवे।।
प्रेषक दिलीप रामावत बिशाला।
गायक सुरेश जांगिड़ बाड़मेर।
मो7073648651
bartan jove vastu dijiye bhajan lyrics