बरसाने में चाकर रख ले अब तो ओ बरसाने वाली लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










दर दर भटक भटक कर मेरी
उमर बीत गई सारी
बरसाने में चाकर रख ले
अब तो ओ बरसाने वाली।।


रात और दिन करूँ चाकरी
ना मांगू री वेतन
श्री चरणों में अर्पण कर दूँ
मैं तो अपना तन मन
छोड़ दिया है कुटुंब कबीला
छोड़ी दुनियादारी
बरसाने मे चाकर रख ले
अब तो ओ बरसाने वाली।।


ब्रज की धुल में प्राण बसे
नैनो में राधा रानी
मैं तो दरस का अभिलाषी
मत दीजो रोटी पानी
एक मुट्ठी ब्रज रज खाकर
मैं भूख मिटाऊं सारी
बरसाने मे चाकर रख ले
अब तो ओ बरसाने वाली।।


गली गली तेरे गुण गाऊं
बन के मस्त फकीरा
जैसे श्याम की प्रीत में जोगन
बन गई रानी मीरा
राजू के मन में चढ़ गई
श्री राधे नाम खुमारी
बरसाने मे चाकर रख ले
अब तो ओ बरसाने वाली।।









दर दर भटक भटक कर मेरी
उमर बीत गई सारी
बरसाने में चाकर रख ले
अब तो ओ बरसाने वाली।।












barsane me chakar rakh le ab to o barsane wali lyrics