बरसाने गलियों में सुख दिल को मिलता है भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
बरसाने गलियों में
सुख दिल को मिलता है
मेरा बांके बिहारी भी
इस रस को तरसता है
बरसाने गलियो में
सुख दिल को मिलता है।।
तर्ज होंठों से छू लो।
बरसाने गलियो में
तीरथ सब धाम बसे
इक पग यहाँ धरते ही
जन्मों के पाप कटे
संतो के जप तप से
संतो के जप तप से
शुद्ध भजन महकता है
मेरा बांके बिहारी भी
इस रस को तरसता है
बरसाने गलियो में
सुख दिल को मिलता है।।
इन गलियों में सखियों संग
श्यामा सहज विहार करे
ब्रजवासी पायल की
यहाँ नित झंकार सुने
यहाँ हर जोनी मुख में
यहाँ हर जोनी मुख में
राधा नाम ही चलता है
मेरा बांके बिहारी भी
इस रस को तरसता है
बरसाने गलियो में
सुख दिल को मिलता है।।
बरसाने की नालियों में
दिव्य कुंजो का इत्र बहें
जड़ हो या चेतन हो
हर हाल में सुखी रहे
तीनों लोक की भोर यहाँ
तीनों लोक की भोर यहाँ
सूरज यहाँ ढलता है
मेरा बांके बिहारी भी
इस रस को तरसता है
बरसाने गलियो में
सुख दिल को मिलता है।।
जन्मों से जन्मों तक
इन गलियों से नाता मेरा
पूनम में चंदा ज्यों
दिल यूँ रम जाता मेरा
गोपाली का पागलपन
गोपाली का पागलपन
ब्रज गलियों में पलता है
मेरा बांके बिहारी भी
इस रस को तरसता है
बरसाने गलियो में
सुख दिल को मिलता है।।
बरसाने गलियों में
सुख दिल को मिलता है
मेरा बांके बिहारी भी
इस रस को तरसता है
बरसाने गलियो में
सुख दिल को मिलता है।।
स्वर श्री श्यामा दासी।
barsane galiyon mein sukh dil ko milta hai lyrics