बार बार आए जाए दुनिया मे प्राणी भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










बार बार आए जाए
दुनिया मे प्राणी
हरि के भजन बिन
क्या है जिन्दगानी।।
तर्ज परदेशियो से ना अँखिया।


कितनी सज़ाऐ तूने
नर्क मे पाई
फिर भी गुरु की तुझे
याद न आई
फिर भी गुरू की तुझे
याद न आई
याद न आई काहे
सुध बिसरानी।
बार बार आए जाये
दुनिया मे प्राणी
हरि के भजन बिन
क्या है जिन्दगानी।।


जप तपना कभी
दान किया है
झूठा बस अभि
मान किया है
झूठा बस अभि
मान किया है
की है मनमानी पर
गुरू की न मानी।
बार बार आए जाये
दुनिया मे प्राणी
हरि के भजन बिन
क्या है जिन्दगानी।।









दुनिया आया है तो
जाएगा इक दिन
समय न गँवाना जग मे
प्राणी भजन बिन
समय न गँवाना जग मे
प्राणी भजन बिन
फिर पछिताएगा जो
कदर न जानी।
बार बार आए जाये
दुनिया मे प्राणी
हरि के भजन बिन
क्या है जिन्दगानी।।


बार बार आए जाए
दुनिया मे प्राणी
हरि के भजन बिन
क्या है जिन्दगानी।।
भजन लेखक एवं प्रेषक
शिवनारायण वर्मा
मोबान8818932923
7987402880










bar bar aaye jaye duniya me prani lyrics