बंसी बजाने वाले पहले क्यों प्रीत लगाई भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
बंसी बजाने वाले
पहले क्यों प्रीत लगाई
बोलो ना कृष्ण कन्हाई
जरा बोलो ना कृष्ण कन्हाई।।
तर्ज दुनिया बनाने वाले।
दिलबर हमारा तुमसे
नाता पुराना
नाता पुराना लेकिन
तुमने ना जाना
अच्छा नहीं है मोहन
आँखे चुराना
आँखे चुराना और
हमको सताना
छोड़ो बहाने मोहन
दीनो की तुमको दुहाई
बोलो ना कृष्ण कन्हाई
जरा बोलो ना कृष्ण कन्हाई।।
कैसे निकलोगे मोहन
दीनो के दिल से
दिल में बिठाया तुम्हे
बड़ी मुश्किल से
माना तुम्हे अब
फुर्सत नहीं है
लेकिन इस दिल में
अब उल्फत नहीं है
मालुम नहीं था मुझको
निकलोगे तुम हरजाई
बोलो ना कृष्ण कन्हाई
जरा बोलो ना कृष्ण कन्हाई।।
कितना था सुन्दर मोहन
धोखा तुम्हारा
बंसी बजा के लुटा
दिल ये हमारा
घायल बनाया तूने
बांकी अदा से
दीवाना बनवारी
तेरा सदा से
तुम ही बताओ मोहन
कैसे सहेंगे जुदाई
बोलो ना कृष्ण कन्हाई
जरा बोलो ना कृष्ण कन्हाई।।
बंसी बजाने वाले
पहले क्यों प्रीत लगाई
बोलो ना कृष्ण कन्हाई
जरा बोलो ना कृष्ण कन्हाई।।
bansi bajane wale pahle kyon preet lagai lyrics