बन्नो मारो चारभुजा रो नाथ भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










बन्नो मारो चारभुजा रो नाथ
बन्नी मारी तुलसा लाडली।।


विनायक रिद्धि सिद्धि संग लाया जी
विनायक रिद्धि सिद्धि संग लाया
रसोड़े कुबेर भंडार खुलाया जी
रसोड़े कुबेर भंडार खुलाया
गंधर्व गीत गजब का गाया
बन्नी मारी तुलसा लाडली।।


देवकी वासुदेव हर्षाया जी
देवकी वासुदेव हर्षाया
यशोदा नंदजी पाट बैठाया
यशोदा नंदजी पाट बैठाया
सुभद्रा घी का दीप संजोया
बन्नी मारी तुलसा लाडली।।


बाराती शिव ब्रह्मा मन भाया जी
बाराती शिव ब्रह्मा मन भाया
गरुड़ चढ़ लक्ष्मी पति भी आया
गरुड़ चढ़ लक्ष्मी पति भी आया
ऐरावत इन्दर चढ़ आया
बन्नी मारी तुलसा लाडली।।









बिहारी गुरु रघुवीर संग में आया जी
बिहारी गुरु रघुवीर संग आया
चेतन मन का फूल बिछाया जी
चेतन मन का फूल बिछाया
भगता मिलकर भगवत सजाया
बन्नी मारी तुलसा लाडली।।


उमर भर गणा भजन सुनाया
उमर भर गणा भजन सुनाया
कदी नहीं अस्या विन्द परणाया
कदी नहीं अस्या विन्द परणाया
ओंकारा थारी मोटी किस्मत भाया
बन्नी मारी तुलसा लाडली।।


बन्नो मारो चारभुजा रो नाथ
बन्नी मारी तुलसा लाडली।।



प्रेषक रोशन कुमावत भेरुखेड़ा
8770943301










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