बनकर अगर सुदामा तू श्याम दर पे आए भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










बनकर अगर सुदामा
तू श्याम दर पे आए
तुझको उठा ज़मीं से
कान्हा फ़लक बिठाए
बनकर अगर सूदामा
तू श्याम दर पे आए।।


कहीं ये गुरूर तेरा
तुझे ख़ाक ना बना दे
दो आंसू गर बहा दे
तुझे सांवरा हंसाए
बनकर अगर सूदामा
तू श्याम दर पे आए।।


ऐ उड़ते हुए परिंदे
पंखो का क्या भरोसा
इसकी रज़ा है जब तक
तब तक ये फड़फड़ाये
बनकर अगर सूदामा
तू श्याम दर पे आए।।


आज़माया इश्क़ जिसने
वो श्याम पर फ़िदा है
बिट्टू मेहर को श्याम की
क्यों ना तू आज़माए
बनकर अगर सूदामा
तू श्याम दर पे आए।।









बनकर अगर सुदामा
तू श्याम दर पे आए
तुझको उठा ज़मीं से
कान्हा फ़लक बिठाए
बनकर अगर सूदामा
तू श्याम दर पे आए।।













bankar agar sudama tu shyam dar pe aaye lyrics