बलिहारी जाऊं म्हारा सतगुरु ने किया भरम सब दूर भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
बलिहारी जाऊं म्हारा सतगुरु ने
किया भरम सब दूर
किया भरम सब दूर मेरा
किया भरम सब दूर
बलिहारी जाऊं मारा सतगुरु ने
किया भरम सब दूर।।
प्याला पाया प्रेम रा रे
घोल संजीवन मूल
चढ़ी खुमारी प्रेम की रे
मन हो गया चकनाचूर
बलिहारी जाऊं मारा सतगुरु ने
किया भरम सब दूर।।
कुमता घटी सुमता बढ़ी
उर आनन्द भयो भरपूर
राग द्वेष जगत की मेटी
अब मन भयो मंजूर
बलिहारी जाऊं मारा सतगुरु ने
किया भरम सब दूर।।
विमल होय परकाश लखियो
बना शशि बना सूर
मनवो मस्त रेवे अनहद में
सुन के आनंद तूर
बलिहारी जाऊं मारा सतगुरु ने
किया भरम सब दूर।।
शबद सुण्या गुरुदेवजी रा
जब मुख पड गई धूड़
धर्मिदास को आय मिल्या है
सतगुरु श्याम हुजूर
बलिहारी जाऊं मारा सतगुरु ने
किया भरम सब दूर।।
बलिहारी जाऊं म्हारा सतगुरु ने
किया भरम सब दूर
किया भरम सब दूर मेरा
किया भरम सब दूर
बलिहारी जाऊं मारा सतगुरु ने
किया भरम सब दूर।।
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balihari jaun mhara satguru ne kiya bharam sab dur lyrics