बालाजी मेरी राम प्रभु तं एक मीटिंग करवा दे न - MadhurBhajans मधुर भजन
बालाजी मेरी राम प्रभु तं
एक मीटिंग करवा दे न
तेरे भवन के सयामी रहते
सिर प हाथ धरा दे न।।
सबरी की ज्युं व्याकुल सुँ
देखुं राम दरबार मैं2
लखन लाल और मात सीया का
चाँहु सुँ दीदार मैं
जन्म जन्म के बंधन कटज्यां
मुक्ति मन्नै दिवादे न
तेरे भवन के सयामी रहते
सिर प हाथ धरा दे न।।
राम नाम की मस्ती चढ़ रही
चित्रकुट तक घुम आया2
एक छोटी सी आश जगा क
मन मेरा मेंहदीपुर लाया
जब मानु हनुमान तन्नै
सेवक की पीड़ मिटा दे न
तेरे भवन के सयामी रहते
सिर प हाथ धरा दे न।।
मन में भाव लगन और श्रध्दा
देख मेरा हो सादापन2
सीताराम राम मेरे आवं
याहे रहती मेरः लगन
टुटे ना विस्वास अटल
चरणां बीच जगाह दे न
तेरे भवन के सयामी रहते
सिर प हाथ धरा दे न।।
अशोक भक्त ने सोच लेयी स
हरिभजन बिन के जीणा2
सीया राम की भक्ति करणी
बाबा राम रस यो पीणा
राजपाल दुख पा ज्यागा
मन का भ्रम मिटादे न
तेरे भवन के सयामी रहते
सिर प हाथ धरा दे न।।
बालाजी मेरी राम प्रभु तं
एक मीटिंग करवा दे न
तेरे भवन के सयामी रहते
सिर प हाथ धरा दे न।।
गायक नरेंद्र कौशिक जी।
प्रेषक राकेश कुमार खरक जाटान
9992976579
balaji meri ram parbhu te ek meeting karvade na lyrics