बजरंगी महाराज तुम्हे भक्त बुलाते है भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
बजरंगी महाराज
तुम्हे भक्त बुलाते है
तुम्हे शीश झुकाते है।।
तर्ज कीर्तन की है रात।
अज्ञान बालक है
चरणों के पायक है
तू ही सिरमौर है
नादान बिलकुल है
ये बात सच्ची है
तेरे बिन नहीं और है
बैठे ले उम्मीद
तुमको आज रिझाते है
तुम्हे शीश झुकाते है।।
तुम वीर बलकारी
शंकर के अवतारी
अजब तेरी शान है
तू राम का प्यारा
तू श्याम का प्यारा
बड़ा तू गुणवान है
जल्दी आ जाओ
तेरी ज्योत जलाते है
तुम्हे शीश झुकाते है।।
भक्ति का दाता है
शक्ति का दाता है
वीर बलधारी हो
जो भी शरण आया
खाली ना लौटाया
बड़े उपकारी हो
अभय दान दे दो
यही आस लगाते है
तुम्हे शीश झुकाते है।।
दीनो के हितकारी
अर्जी सुनो म्हारी
प्रभु सिर हाथ धरो
लेकर तुम्हारा नाम
करते तुम्हे प्रणाम
हमें भव पार करो
जयराम बलिहारी
तुम्हे भजन सुनाते है
तुम्हे शीश झुकाते है।।
बजरंगी महाराज
तुम्हे भक्त बुलाते है
तुम्हे शीश झुकाते है।।
bajrangi maharaj tumhe bhakt bulate hai lyrics