बजरंगबली संकट काटो तेरे द्वार खड़े हम दीनन के लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










बजरंगबली संकट काटो
तेरे द्वार खड़े हम दीनन के
हम दीन दुखी हैं निर्बल हैं
पर प्रेमी हैं तेरे चरनन के।।


दुख के बादल घिर आये हैं
चहुँ और है छाया अंधियारा
अब आन हरो सबकी पीरा
तुम नाथ पवन सुत जन जन के
बजरंगबली संकट काटों
तेरे द्वार खड़े हम दीनन के।।


नही तुम बिन कोई हमारा है
बस तू ही एक सहारा है
अब आन करो सब काज सफल
जस काज करे रघुनंदन के
बजरंगबली संकट काटों
तेरे द्वार खड़े हम दीनन के।।


तेरे हृदय में राम बसे
हम राम चरन के अनुरागी
है शपथ तुम्हें सितावर की
सब ताप हरो रघुनन्दन के
बजरंगबली संकट काटों
तेरे द्वार खड़े हम दीनन के।।









जो जप तुम्हारा किया करें
उन्है रोग द्वेष न छू पाये
राजेन्द्र कहे हनुमान प्रभो
जस ताप हरे तुम लक्ष्मण के
बजरंगबली संकट काटों
तेरे द्वार खड़े हम दीनन के।।


बजरंगबली संकट काटो
तेरे द्वार खड़े हम दीनन के
हम दीन दुखी हैं निर्बल हैं
पर प्रेमी हैं तेरे चरनन के।।
गीतकार गायक राजेन्द्र प्रसाद सोनी।
8839262340










bajrangbali sankat kato tere dwar khade hum dinan ke lyrics