बैकुंठ अगर दोगी मैया भूलेंगे हर बार भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
बैकुंठ अगर दोगी मैया
भूलेंगे हर बार
हो सके तो नर्क ही देना
आती रहे तेरी याद।।
तर्ज चांदी जैसा रंग।
ऐसे सुख का क्या माँ करना
जो है तुझको भुलाए
नौ महीने तो पेट में रखा
रक्त हमें है पिलाए
अपना जीवन कष्ट में काट
हमें संसार दिखाए
दूध का तेरे क्या माँ कहना
वो है वो अमृत पान
हो सके तो नर्क ही देना
आती रहे तेरी याद।।
जन्मे तो मुख माँ ही बोले
अंत भी माँ ही गाए
भगवन ऐसी कृपा रखना
विचलित ना हो जाए
भूल अगर मैया से हो तो
राम भी हम बन जाए
मिले अगर वनवास भी तो हम
जपे तुम्हारा नाम
हो सके तो नर्क ही देना
आती रहे तेरी याद।।
करके अपना जीवन अर्पण
देख तू माँ का रूप
गम हो या कैसी विपदा हो
ना झुलसाए धूप
माँ के आँचल तले सुनील को
लग ना पाए धूप
माँ को पलकों पे रखे जो
जिए हज़ारो साल
हो सके तो नर्क ही देना
आती रहे तेरी याद।।
बैकुंठ अगर दोगी मैया
भूलेंगे हर बार
हो सके तो नर्क ही देना
आती रहे तेरी याद।।
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baikunth agar dogi maiya bhulenge har bar lyrics