बचपन से माँ ने मुझे श्री श्याम सिखाया है लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










बचपन से माँ ने मुझे
श्री श्याम सिखाया है
तू ही है मात पिता
तू ही हमसाया है
बचपन से मां ने मुझे
श्री श्याम सिखाया है।।
तर्ज एक प्यार का नगमा।
देखे बचपन से सुना हमने।


तूतलाती बोली से
तेरा नाम ही सीखा है
ये होश संभाले जब से
बस दर तेरा देखा है
गोदी में रखकर सिर
तूने सहलाया है
तू ही है मात पिता
तू ही हमसाया है
बचपन से मां ने मुझे
श्री श्याम सिखाया है।।


रहमत से तेरी श्याम
सांसे मेरी चलती है
दिल की हर धड़कन बस
तेरी माला जपती है
मैंने जब भी पुकारा तुझे
अपने साथ ही पाया है
तू ही है मात पिता
तू ही हमसाया है
बचपन से मां ने मुझे
श्री श्याम सिखाया है।।









कोई भी विपदा श्याम
मुझे छू नहीं पाती है
ये मोरछड़ी तेरी श्याम
पहरा जो लगाती है
हारे के साथी हो तुम
मैंने तो पाया है
तू ही है मात पिता
तू ही हमसाया है
बचपन से मां ने मुझे
श्री श्याम सिखाया है।।


किंशु ने बुना सपना
बस तेरा हो जाऊं
ये सांस चले जब तक
बस भजन तेरे गांऊ
मांगा जो दर से तेरे
वो प्यार भी पाया है
तू ही है मात पिता
तू ही हमसाया है
बचपन से मां ने मुझे
श्री श्याम सिखाया है।।


बचपन से माँ ने मुझे
श्री श्याम सिखाया है
तू ही है मात पिता
तू ही हमसाया है
बचपन से मां ने मुझे
श्री श्याम सिखाया है।।




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bachpan se maa ne mujhe shri shyam sikhaya hai lyrics