बाबा तू ही है कण कण में और सितारों में श्याम भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










बाबा तू ही है कण कण में
और सितारों में
तू ही दिखता है
जग के नज़ारों में
बाबा तु ही है कण कण में
और सितारों में।।
तर्ज श्री राम जानकी बैठे।


अपनों से मैं जब बैगाना हुआ
उल्फ़त में तेरी मैं दिवाना हुआ
सदा रहते हो अब तुम विचारों में
बाबा तु ही है कण कण में
और सितारों में।।


तेरे चरणों में श्याम जन्नत है
मेरी तुझसे एक यही मन्नत है
बदलो पतझड़ को आज बहारों में
बाबा तु ही है कण कण में
और सितारों में।।









अब तक तो हुआ पुरा सपना नहीं
क्या तु भी मेरा श्याम अपना नहीं
मुझको रख लो तुम खिदमतगारों में
बाबा तु ही है कण कण में
और सितारों में।।


गमों को जालान अब कब तक सहे
तु कुछ ना सुनें और कुछ ना कहे
कुछ जुबां से कहो या इशारों में
बाबा तु ही है कण कण में
और सितारों में।।


बाबा तू ही है कण कण में
और सितारों में
तू ही दिखता है
जग के नज़ारों में
बाबा तु ही है कण कण में
और सितारों में।।
गायक धीरज तिवारीलखनऊ।
भजन रचयिता पवन जालान जी।
09416059499 भिवानी हरियाणा










baba tu hi hai kan kan me lyrics