बाबा ने मंतर मार दिया इब के चाहिए के चाहिए लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










बाबा ने मंतर मार दिया
इब के चाहिए के चाहिए
मेरा बाबा लखदातार
इसने करा बड़ा उपकार
अब मैं इससे ज़्यादा क्या कहुँ
मेरा बेड़ा पार उतार दिया
इब के चाहिए के चाहिए
बाबा ने मन्तर मार दिया
इब के चाहिए के चाहिए।।
तर्ज दिल चोरी साडा हो गया।


पहले थे बड़ी कंगाली
इब छाई है खुशहाली
बाबा ने जो बांह पकड़ी
दिन होली रात दीवाली
मेरा बिगड़ा काज संवार दिया
इब के चाहिए के चाहिए
बाबा ने मन्तर मार दिया
इब के चाहिए के चाहिए।।


मेरे घर में भरे भंडारे
तने कर दिए महल मीनारे
मेरी टूटी फूटी साइकल
इब बन गयी मोटर कारे
दो माँगा इसने चार दिया
इब के चाहिए के चाहिए
बाबा ने मन्तर मार दिया
इब के चाहिए के चाहिए।।









मेरी आँख खुशी से रोती
इब खाऊं चैन की रोटी
मन्ने इतना मिला बाबा से
मेरी झोली पड़ गयी छोटी
इस तरुण का भार उतार दिया
इब के चाहिए के चाहिए
बाबा ने मन्तर मार दिया
इब के चाहिए के चाहिए।।


बाबा ने मंतर मार दिया
इब के चाहिए के चाहिए
मेरा बाबा लखदातार
इसने करा बड़ा उपकार
अब मैं इससे ज़्यादा क्या कहुँ
मेरा बेड़ा पार उतार दिया
इब के चाहिए के चाहिए
बाबा ने मन्तर मार दिया
इब के चाहिए के चाहिए।।












baba ne mantar maar diya ib ke chahiye ke chahiye lyrics