बाबा की रीत निभाते चलो प्रेमी से प्रेम बढ़ाते चलो लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
बाबा की रीत निभाते चलो
प्रेमी से प्रेम बढ़ाते चलो
प्रेमी से प्रेम बढ़ाते चलो
हारा हुआ मिले जो पथ में
साथी उसे तुम बनाते चलो
बाबा की रीत निभाते चलों
प्रेमी से प्रेम बढ़ाते चलो।।
तर्ज ज्योत से ज्योत जलाते।
हारे हुए का साथ निभाना
श्याम का है संदेसा
जिसने ऐसा काम किया है
उनके संग है हमेशा
भटके को राह दिखाते चलो
प्रेमी से प्रेम बढ़ाते चलो
प्रेमी से प्रेम बढ़ाते चलो।।
श्याम से मिलने का इस जग में
केवल एक है रस्ता
जिसने रीत निभाई इसकी
उसके दिल में है बसता
उनको गले से लगाते चलो
प्रेमी से प्रेम बढ़ाते चलो
प्रेमी से प्रेम बढ़ाते चलो।।
कलयुग केवल नाम आधारा
श्याम का सुमिरन कर ले
श्याम कहे भक्तो पे जीवन
थोड़ा अर्पण कर ले
थोड़ा सा पुण्य कमाते चलो
प्रेमी से प्रेम बढ़ाते चलो
प्रेमी से प्रेम बढ़ाते चलो।।
बाबा की रीत निभाते चलो
प्रेमी से प्रेम बढ़ाते चलो
प्रेमी से प्रेम बढ़ाते चलो
हारा हुआ मिले जो पथ में
साथी उसे तुम बनाते चलो
बाबा की रीत निभाते चलों
प्रेमी से प्रेम बढ़ाते चलो।।
स्वर रचना श्याम अग्रवाल जी।
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baba ki reet nibhate chalo bhajan lyrics