बाबा आया हूँ शरण तुम्हारी कहने को दिल की सारी लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










बाबा आया हूँ शरण तुम्हारी
कहने को दिल की सारी
विनती अब सुन ले मेरी श्याम जी
बाबा कब से उचारू तेरा नाम जी।।
तर्ज अंबे तु है जगदम्बे काली।


काया माया में भरमाया
कभी ना दर पे आया
जीना जब दुश्वार हुआ तो
दर पे शीश झुकाया
मेरी अंखियां रो रो के हारी
जीना हुआ पलपल भारी
विनती अब सुन ले मेरी श्याम जी
बाबा कब से उचारू तेरा नाम जी।।


बिन पैसे ना मातपिता है
ना बहना ना भैया
रिश्ते नाते निभते हैं तब
जब तक पास रुपया
बाबा माने है सब संसारी
गुरबत है एक बीमारी
विनती अब सुन ले मेरी श्याम जी
बाबा कब से उचारू तेरा नाम जी।।









दर पे तेरे हिवड़ा रोये
पलक गिराये मोती
दुनिया जब नहीं सुनती मेरी
तब ये पीड़ा होती
सुन ले मेरी अर्ज तू सारी
तेरा मैं रहूं आभारी
विनती अब सुन ले मेरी श्याम जी
बाबा कब से उचारू तेरा नाम जी।।


दीन दुखी पे दया करो
ओ बाबा खाटू वाले
दीनहीन जालान को बाबा
तुम बिन कौन संभाले
मेरी जाने तु सब लाचारी
चाहूं मैं मेहर तुम्हारी
विनती अब सुन ले मेरी श्याम जी
बाबा कब से उचारू तेरा नाम जी।।


बाबा आया हूँ शरण तुम्हारी
कहने को दिल की सारी
विनती अब सुन ले मेरी श्याम जी
बाबा कब से उचारू तेरा नाम जी।।
गायक उमाशंकर गर्ग।
भजन रचयिता पवन जालान।
9416059499 भिवानी हरियाणा










baba aaya hu sharan tumhari kahne ko dil ki saari lyrics