बाला या कांई थार जचगी पुंछ को फटकारो लंका जलगी - MadhurBhajans मधुर भजन










बाला या कांई थार जचगी
पुंछ को फटकारो माऱयो
लंका जलगी।।


श्रीराम को ले संदेशो हनुमत लंका जाव
सो योजन समुन्दर न पल भर म नापयाव
सुरसा मारग माही मिलगी
पुंछ को फटकारो माऱयो
लंका जलगी।।


सुरसा न हरायो बालो लंका माही आयो
रावण का राक्षसडा सु पल माही टकरायो
फौदा रावणा की भिडगी
पुंछ को फटकारो माऱयो
लंका जलगी।।


जा बगिया म सीता मां न देदी राम निशानी
अक्षय मार गिरायो जद वो घबरायो अभिमानी
मति रावण थारी फरगी
पुंछ को फटकारो माऱयो
लंका जलगी।।









तेल और रुई मंगवाकर पुंछ म आग लगायो
एक एक कर बाला सारी लंका न जलाया
नैया भक्ता की तिरगी
पुंछ को फटकारो माऱयो
लंका जलगी।।


बाला या कांई थार जचगी
पुंछ को फटकारो माऱयो
लंका जलगी।।
प्रेषक धरम चन्द नामानामा म्युजिक
9887223297










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