अर्पण तुझे मेरे जीवन के हर क्षण भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










अर्पण तुझे मेरे
जीवन के हर क्षण
तुझे और क्या मैं
समर्पण करूँ।।


मैं दास तेरा तू जगदीश्वर
मैं तुच्छ तृण हूँ तू सर्वेश्वर
तुझे भेंट क्या दूं
समझ में न आये
तुझे और क्या मैं
समर्पन करूँ।।


मेरे मन के मंदिर में
तुझे मैंने पाया
हर स्वांस मैं बस
तू ही समाया
अनुपम अनोखा
दिया रूप तूने
कैसे तेरा
अभिनंदन करूँ।।


प्रभु आपसे मुझको
जो भी मिला है
शिकवा शिकायत न
कोई गिला है
चढ़ा मैल पापों का
राजेंद्र पर जो
तपाकर उसे कैसे
कुंदन करूँ।।









अर्पण तुझे मेरे
जीवन के हर क्षण
तुझे और क्या मैं
समर्पण करूँ।।
गीतकार गायक राजेंद्र प्रसाद सोनी।
8839262340










arpan tujhe mere jivan ke har kshan lyrics