अर्पण करके तन मन धन चलो रे चले सब गोवर्धन भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
अर्पण करके तन मन धन
चलो रे चले सब गोवर्धन
राधे राधे बोल के
देंगे परिक्रमा डोल के
अर्पण करकें तन मन धन
चलो रे चले सब गोवर्धन।।
तर्ज धीरे धीरे बोल कोई।
प्रथम दान घाटी पर पहुंचे जाए
गिरधारी को लेंगे शीश झुकाए
दण्डौती कर मन में ना डर
परिक्रमा की तैयारी कर
सब दान करे दिल खोल के
देंगे परिक्रमा डोल के
अर्पण करकें तन मन धन
चलो रे चले सब गोवर्धन।।
चले है मन में गिरधर का धर ध्यान
मिला पुछरी का लौटा अस्थान
वो जतीपुरा में आय के
चढ़े दूध मन हर्षाय के
भक्ति भाव को तोल के
देंगे परिक्रमा डोल के
अर्पण करकें तन मन धन
चलो रे चले सब गोवर्धन।।
राधा कुंड पे राधा का धर ध्यान
मानसी गंगा में फिर कर स्नान
पावन होगी जब आत्मा
मिल जाएंगे परमात्मा
वाणी में अमृत घोल के
देंगे परिक्रमा डोल के
अर्पण करकें तन मन धन
चलो रे चले सब गोवर्धन।।
अर्पण करके तन मन धन
चलो रे चले सब गोवर्धन
राधे राधे बोल के
देंगे परिक्रमा डोल के
अर्पण करकें तन मन धन
चलो रे चले सब गोवर्धन।।
।।श्री गिरिराजधरण की जय।।
arpan karke tan man dhan chalo re chalo sab govardhan lyrics