अरे बावजी ओ आप थका ओरो ने किन ने ध्यावु रे - MadhurBhajans मधुर भजन
अरे बावजी ओ आप थका
ओरो ने किन ने ध्यावु रे ए जी
ए किनरी पोल्या आगे करू रे पुकार
आप थका ओ पीरजी
ओरा ने किन ध्यावु रे ए जी
किनरी पोल्या आगे करू रे पुकारी
आलस छोड उटोनी अजमाल रा ए जी
अरे दया रे करे ने धणी
सामी भालो सतरा राखन ऐसा
कई बाबा रामदेवजी ए जी ओ जी।।
अरे बावजी ओ पर बिना पंखा
पंखेरू किकर उडसी ए जी
अरे जल बिन मच्छीया रो केडो रे हवाल
पर बिना पंखा पंखेरू
किकर उडसी ए जी
अरे जल बिन मच्छीया रो
केडो रे हवाल सतरा राखन ऐसा
कई बाबा रामदेवजी ए जी ओ जी।।
अरे बावजी ओ सियालीया चाल
सिंहों वाली चाले रे ए जी
अरे सिंह पलट वाने करदो सियाल
सियालीया चाल सिंहों वाली चाले ए जी
अरे सिंह पलट वाने करदो सियालीया
आलस छोड उटोनी अजमाल रा ए जी ओ जी।।
अरे पीरजी ओ जोधाणा रा राजा
मासु परचो मांगे रे ए जी
अरे परचो रे कोनी रे पंडितों रे हाथ
जोधाणा रा राजा मासु परचो मांगे रे हे जी
अरे परचो कोनी रे पंडितों रे हाथो
सतरा राखन ऐसा
कई बाबा रामदेव जी ए जी ओ जी।।
अरे बावजी ओ नव मण घास
घोडा रे आगे रालीयो रे ए जी
ए धान रो पाव रो दियो रे चढाई
नव मण घास घोडा रे
आगे रालीया ए जी
अरे धान रो पाव रो दियो रे चढाई
आलस छोड उटोनी अजमाल रा ए जी ओ जी।।
अरे पीरजी ओ लीले हिच करी रे
गढ पोल्या रे ए जी
ए गढ रे जोधाणा ने दियो रे धुंजाई
लीले हिच करी रे गढ पोल्या रे ए जी
ए गढ रे जोधाणा ने दियो रे धुंजाई
सतरा राखन ऐसा कई
बाबा रामदेवजी ए जी ओ जी।।
अरे पीरजी ओ राजा विजयसिंह
हरजी रे पग पड्यो ए जी
हरजी भाटी थारी कला ने समेटो
जोधाणा रा राजा
हरजी रे पग पड्यो ए जी
हरजी भाटी थारी कला ने समेटो
आलस छोड उटोनी
अजमाल रा ए जी ओ जी।।
अरे पीरजी ओ हरजी भाटी
थारी ढाणी ने थपाले रे ए जी
रूनीचे जावे ज्योरी करजो सहाय
हरी चरनो मे भाटी हरजी बोले रे ए जी
अरे वन ने छोडाया पीरजी
चौदह री साल
आलस छोड उटोनी अजमाल रा ए जी
अरे दया रे करेने धणी सामी भालो
सतरा राखन ऐसा कई
बाबा रामदेवजी ए जी ओ जी।।
गायक श्याम पालीवाल जी।
प्रेषक मनीष सीरवी
9640557818
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