अर्ज लगाऊं मैं सुनते नहीं क्यों मेरी श्याम भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










अर्ज लगाऊं मैं
सुनते नहीं क्यों मेरी श्याम
तुमको सुनाकर बाबा
तुमको सुनाकर बाबा
मिलता आराम
अर्ज लगाऊँ मैं
सुनते नहीं क्यों मेरी श्याम।।
तर्ज किस्मत वालों को।


दुखो ने हर ओर से घेरा है
चारों तरफ बस दीखता अँधेरा है
अब तो आकर राह दिखा जाओ
मेरी बिगड़ी बात बना जाओ
दर पे सुना है तेरे
दर पे सुना है तेरे
बनते है काम
अर्ज लगाऊँ मैं
सुनते नहीं क्यों मेरी श्याम।।


तुम ही अगर यूँ मुख को मोड़ोगे
ऐसा अकेला मुझको छोड़ोगे
टूट गया हूँ तुझ बिन मैं तो श्याम
कैसे बनेगा बिगड़ा हुआ मेरा काम
हार गया हूँ बाबा
हार गया हूँ बाबा
हे लखदातार
अर्ज लगाऊँ मैं
सुनते नहीं क्यों मेरी श्याम।।









अनुज ने बाबा अर्ज लगाई है
भक्तो पे क्यों विपदा आई है
विपदा इसकी तुम ही टालोगे
हर संकट से तुम ही निकलोगे
इतना उपकार करो तुम
इतना उपकार करो तुम
मेरे घनश्याम


अर्ज लगाऊँ मैं
सुनते नहीं क्यों मेरी श्याम।।


अर्ज लगाऊं मैं
सुनते नहीं क्यों मेरी श्याम
तुमको सुनाकर बाबा
तुमको सुनाकर बाबा
मिलता आराम
अर्ज लगाऊँ मैं
सुनते नहीं क्यों मेरी श्याम।।












araj lagau mai sunte nahi kyo meri shyam lyrics