अपनी करनी पे खुद सांवरे लाचार हूँ मैं भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










अपनी करनी पे खुद सांवरे
लाचार हूँ मैं
लाचार हूँ मैं
माफ़ी दे दो गुनाहो की
गुनहगार हूँ मैं
गुनहगार हूँ मैं
अपनी करनी पे खुद साँवरे
लाचार हूँ मैं
लाचार हूँ मैं।।
तर्ज तुझसे नाराज नहीं जिन्दगी।


जीवन को कभी जिया ही नहीं
माया में व्यर्थ गंवाया
सोचे जो अगर श्याम नाम धन
हमने तो कुछ ना कमाया
मुस्कुराऊ कभी तो लगता है
जैसे सीने पे बोझ रखा है
अपनी करनी पे खुद साँवरे
लाचार हूँ मैं
लाचार हूँ मैं।।


रिश्तो से रिश्ता रखा ही नहीं
अपनों से लड़ते रहे हम
तुमको कभी समझा ही नहीं
स्वार्थ में अटके रहे हम
नजर मैं कैसे तुमसे मिलाऊ
यही सोच के डर लगता है
अपनी करनी पे खुद साँवरे
लाचार हूँ मैं
लाचार हूँ मैं।।









जो भी कुछ हुआ स्वीकारते है हम
अपने गले से लगा लो
अपने मोहित को बस एक बार
बेटा कह के बुला लो
अपराधी बनके आपका सेवक
आप के आगे हाथ जोड़े खड़ा है
अपनी करनी पे खुद साँवरे
लाचार हूँ मैं
लाचार हूँ मैं।।


अपनी करनी पे खुद सांवरे
लाचार हूँ मैं
लाचार हूँ मैं
माफ़ी दे दो गुनाहो की
गुनहगार हूँ मैं
गुनहगार हूँ मैं
अपनी करनी पे खुद साँवरे
लाचार हूँ मैं
लाचार हूँ मैं।।



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apni karni pe khud sanware lachar hu main lyrics