अपने प्रेमी को मेरे बाबा इतना भी मजबूर ना कर भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










अपने प्रेमी को मेरे बाबा
इतना भी मजबूर ना कर
तेरे होते जगवालो के
आगे झुक जाए ना सर
अपने प्रेमी को मेरें बाबा
इतना भी मजबूर ना कर।।
तर्ज रो रो कर फरियाद करा हाँ।


चौखट पे जिस दिन से कन्हैया
सिर ये आके झुका दिया
स्वाभिमान से जीना जग में
तुमने हमको सीखा दिया
जहां विश्वास के दीप जगाए
वहां निराशा क्यू करे असर
अपने प्रेमी को मेरें बाबा
इतना भी मजबूर ना कर।।


श्याम श्याम जो कहकर तुमसे
रात दिन ही आस करें
जग वालों को कहते फिरते
श्याम कभी ना निराश करे
फूल खिले जहां श्याम नाम से
वो गुलशन ना जाए बिखर
अपने प्रेमी को मेरें बाबा
इतना भी मजबूर ना कर।।









दानी होकर कैसे कन्हैया
देना सहारा भूल रहे
जिसका सब कुछ तुम हो कन्हैया
वो क्यू फिर मजबूर रहे
दीपक अर्जी तुमसे बाबा
सुध ले लो तुम अब आकर


अपने प्रेमी को मेरें बाबा
इतना भी मजबूर ना कर।।


अपने प्रेमी को मेरे बाबा
इतना भी मजबूर ना कर
तेरे होते जगवालो के
आगे झुक जाए ना सर
अपने प्रेमी को मेरें बाबा
इतना भी मजबूर ना कर।।
गायक प्रेषक कुंवर दीपक।
8700018045










apne premi ko mere baba itna tu majbur na kar lyrics