अमृत को छोड़ कर जहर काहे पीजे भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
अमृत को छोड़ कर
जहर काहे पीजे
राम नाम लीजे
और सदा मौज कीजे।।
मीठा राम नाम है
और मीठी राम की कथा
मीठा राम रूप से
कहो कौन है भला
बोलो इस मिठास पे
कौन नही रीझे
राम नाम लीजे
और सदा मौज कीजे।।
लोभ की नाव हो
और मोह पतवार हो
छल का छिद्र हो तो
कैसे बेड़ा पार हो
अपने ही कर्म पर
अब काहे खीझे
राम नाम लीजे
और सदा मौज कीजे।।
तेरे मेरे की कड़ी
धूप चिलचिला रही
लोभ की गर्म हवा
हृदय को जला रही
राम कृपा की घनी
छाव तले रीजे
राम नाम लीजे
और सदा मौज कीजे।।
देख तेरी दीनता
पाप में मलीनता
विषयो में लीनता
साधनों से हीनता
राम के सिवाय कहो
किसका दिल पसीजे
राम नाम लीजे
और सदा मौज कीजे।।
अमृत को छोड़ कर
जहर काहे पीजे
राम नाम लीजे
और सदा मौज कीजे।।
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amrit ko chodkar jahar kahe pije lyrics