अलख री दुहाई रामदेवजी समाधी भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
अलख री दुहाई रामदेवजी समाधी भजन
हलचल बात हुई हलकारे ओ जी
चलचल बात हुई रे सारे देव
स्वर्गा माई सोलमा गावे ओ जी
रामा कंवर ने लिना रे बधाय
अलख री दुहाई
मै तो झूठ नी बोलू ओ जी
रामदेवजी मिलीया म्हाने
भुजा रे पसार
अलख री दुहाईं मै तो
झूठ नी बोलू ओ जी।।
अरे चलती बात वेकटी आयी ओ जी
हडबूजी बैठा सोच विचार
पूंगा नेरव नेजो पुगो ओ जी
स्वर्गा मे सतीया लिया रे बधाय
अलख री दुहाईं
मै तो झूठ नी बोलू ओ जी
रामदेवजी मिलीया म्हाने
भुजा रे पसार
अलख री दुहाईं मै तो
झूठ नी बोलू ओ जी।।
पवन परवो पंथ किनो न्यारो ओजी
डावा जिमना लिया रे बुलाय
जल रो घडो ओर सुहागन नारी ओ जी
डावी भुजा सु जिमनी तो पाय
अलख री दुहाईं
मै तो झूठ नी बोलू ओ जी
रामदेवजी मिलीया म्हाने
भुजा रे पसार
अलख री दुहाईं मै तो
झूठ नी बोलू ओ जी।।
मुख में चून लियो मालाणी ओजी
तरवर बोले घेर गंभीर
हडबूजी तो ऊबा सुगन विचारे ओजी
बल मे मिले अबलीया पीर
अलख री दुहाईं
मै तो झूठ नी बोलू ओ जी
रामदेवजी मिलीया म्हाने
भुजा रे पसार
अलख री दुहाईं मै तो
झूठ नी बोलू ओ जी।।
लीलो लीलो घोडो आप निरंजन जी
लालो लुम्बो तपे रे ललाड
मेहा री जाल पास आय मिलीया जी
भायो री हुई वटे डोडी मनवार
अलख री दुहाईं
मै तो झूठ नी बोलू ओ जी
रामदेवजी मिलीया म्हाने
भुजा रे पसार
अलख री दुहाईं मै तो
झूठ नी बोलू ओ जी।।
मिलीया पीर जुगा रा भाई ओ जी
रंगडे री जाजम दीनी ढाल
मोती चूर मिठाईयाँ भेंटे ओ जी
अमलो री हुई वटे डोडी मनवार
अलख री दुहाईं
मै तो झूठ नी बोलू ओ जी
रामदेवजी मिलीया म्हाने
भुजा रे पसार
अलख री दुहाईं मै तो
झूठ नी बोलू ओ जी।।
सेनो हंदी बात आयी रे म्हारे काने ओजी
मासु बात सुनी न जाय
जीवत पडा सवाई अजमाल रा ओ जी
हाची रे कुड भाई म्हाने रे बताय
अलख री दुहाईं
मै तो झूठ नी बोलू ओ जी
रामदेवजी मिलीया म्हाने
भुजा रे पसार
अलख री दुहाईं मै तो
झूठ नी बोलू ओ जी।।
केई नर साचा केई नर कूडा ओ जी
मन रे मते वो चाले संसार
केवे रामदेव सुन सिद्ध हडबू ओ जी
चलती बात कियो विस्तार
अलख री दुहाईं
मै तो झूठ नी बोलू ओ जी
रामदेवजी मिलीया म्हाने
भुजा रे पसार
अलख री दुहाईं मै तो
झूठ नी बोलू ओ जी।।
अरे थे हडबू रूनीचे जावो ओ जी
मै जावा घोडला री लार
मन रे मते चरे म्हारा रेवत जी
सगला री लेवा थोडी सार सम्भाल
अलख री दुहाईं
मै तो झूठ नी बोलू ओ जी
रामदेवजी मिलीया म्हाने
भुजा रे पसार
अलख री दुहाईं मै तो
झूठ नी बोलू ओ जी।।
रतन कटोरो माता मैणादे ने दीजो जी
अमलो रो पोथो अजमलजी रे हाथ
बेल गेडियो विरमदेव ने दीजो जी
बाकी तंवरो ने म्हारा घणा रे जुहार
अलख री दुहाईं
मै तो झूठ नी बोलू ओ जी
रामदेवजी मिलीया म्हाने
भुजा रे पसार
अलख री दुहाईं मै तो
झूठ नी बोलू ओ जी।।
दोनो पीर सह घोडे चढिया ओ जी
निवन करे राणो ने राव
ए बघेवरो आयो भूतेडो ओ जी
पीरजी तो पुग्या देव द्वार
अलख री दुहाईं
मै तो झूठ नी बोलू ओ जी
रामदेवजी मिलीया म्हाने
भुजा रे पसार
अलख री दुहाईं मै तो
झूठ नी बोलू ओ जी।।
हडबूजी चाल रूनीचे आया ओ जी
गुमनो बैठो तंवरो रो परिवार
सभा देखेने बोलीयो ओ साखलो जी
केनो करो भाया विचार
अलख री दुहाईं
मै तो झूठ नी बोलू ओ जी
रामदेवजी मिलीया म्हाने
भुजा रे पसार
अलख री दुहाईं मै तो
झूठ नी बोलू ओ जी।।
नम राखनी तंवर नेमीया ओ जी
दशम रा लिया उपदेश
दिना ग्यारस तिलक संपोडो ओ जी
गुफा मे बैठा लियो परदो आप
अलख री दुहाईं
मै तो झूठ नी बोलू ओ जी
रामदेवजी मिलीया म्हाने
भुजा रे पसार
अलख री दुहाईं मै तो
झूठ नी बोलू ओ जी।।
लीलो लीलो घोडो आप निरंजन ओ जी
लालो लुम्बो तपे रे ललाड
कह भाई हडबू म्हाने मिलीया ओ जी
घेरन गया घुडलो रे लार
अलख री दुहाईं
मै तो झूठ नी बोलू ओ जी
रामदेवजी मिलीया म्हाने
भुजा रे पसार
अलख री दुहाईं मै तो
झूठ नी बोलू ओ जी।।
रतन कटोरो माता मैणादे ने दीनो जी
अमलो रो पोथो अजमलजी रे हाथ
बेल गेडियो विरमदेव ने दीनो ओ जी
बाकी भायो ने दिया जाढा रे जुहार
अलख री दुहाईं
मै तो झूठ नी बोलू ओ जी
रामदेवजी मिलीया म्हाने
भुजा रे पसार
अलख री दुहाईं मै तो
झूठ नी बोलू ओ जी।।
अरे हमचे हुआ तंवर सब भेला ओ जी
जा खोदी पीरो री परसार
कुंकुम केवडो मायने महके ओ जी
माय मिली फूलो री फूलमाल
अलख री दुहाईं
मै तो झूठ नी बोलू ओ जी
रामदेवजी मिलीया म्हाने
भुजा रे पसार
अलख री दुहाईं मै तो
झूठ नी बोलू ओ जी।।
खोदी समाधि जो नही पायो ओ जी
भायो कोनी किनो रे विचार
पीढी पीढी़ पीर रूनीचा मे होवता ओ जी
अब होय जो पंडित साम्भजो सेवा
अलख री दुहाईं
मै तो झूठ नी बोलू ओ जी
रामदेवजी मिलीया म्हाने
भुजा रे पसार
अलख री दुहाईं मै तो
झूठ नी बोलू ओ जी।।
बिछडतो री भायो वेगत नही जानी ओ जी
विलुम्बीयो नही बागा री साल
बूटी बूंद सायर मे रलगी ओ जी
कठोडे खोजु अमे रामा रे कंवार
अलख री दुहाई
मै तो झूठ नी बोलू ओ जी
रामदेवजी मिलीया म्हाने
भुजा रे पसार
अलख री दुहाईं मै तो
झूठ नी बोलू ओ जी।।
अरे गूगल धूप खेवु धणीया ने ओ जी
राखजो धणीया माना री लाज
हरि चरने भाटी हरजी बोले ओ जी
मेल दीजो म्हाने भवसु पार
अलख री दुहाईं
मै तो झूठ नी बोलू ओ जी
रामदेवजी मिलीया म्हाने
भुजा रे पसार
अलख री दुहाईं मै तो
झूठ नी बोलू ओ जी।।
गायक प्रकाश माली जी।
प्रेषक मनीष सीरवी।
रायपुर जिला पाली राजस्थान
9640557818
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