अलख धणी री आरती गुरा चवर ढोलाय - MadhurBhajans मधुर भजन
अलख धणी री आरती
गुरा चवर ढोलाय
कुंकुम ने केसर रा धणी रे
छाटना छंटाय
बाबा रामदेव बाबा रामदेव
बाबा रामदेव बाबा रामदेव
आवो बाबा पधारो बाबा
आवो बाबा पधारो बाबा।।
ओ पहला जुग मे पाट मांड्यो
प्रहलाद जी रे द्वार
पहला जुग मे पाट मांड्यो
प्रहलाद जी रे द्वार
पाँच करोड़ संत ऊबार्या
राजा प्रहलाद राम
ओ सोने केरा कलश थाप्या
सोने केरा पाट
सोने रे सिंहासन बैठ्या
नर निकलंकी राम
बाबा रामदेव बाबा रामदेव
बाबा रामदेव बाबा रामदेव।।
ओ दुजा जुग मे पाट मांड्यो
हरिश्चन्द्र जी रे द्वार
दुजा जुग मे पाट मांड्यो
हरिश्चन्द्र जी रे द्वार
सात करोड़ संत ऊबार्या
राजा हरिश्चन्द्र राम
ओ रूपे केरा कलश थाप्या
रूपे केरा पाट
रूपे रे सिंहासन बैठ्या
नर निकलंकी राम
बाबा रामदेव बाबा रामदेव
बाबा रामदेव बाबा रामदेव।।
ओ तीजा जुग मे पाट मांड्यो
जेठल जी रे द्वार
तीजा जुग मे पाट मांड्यो
जेठल जी रे द्वार
नौ करोड़ संत ऊबार्या
राजा जेठल राम
ओ ताम्बे केरा कलश थाप्या
ताम्बे केरा पाट
ताम्बे रे सिंहासन बैठ्या
नर निकलंकी राम
बाबा रामदेव बाबा रामदेव
बाबा रामदेव बाबा रामदेव।।
ओ चौथा जुग मे पाट मांड्यो
बलिचंद्र जी द्वार
चौथा जुग मे पाट मांड्यो
बलिचंद्र जी द्वार
बारह करोड़ संत ऊबार्या
राजा बलिचंद्र राम
ओ माटी केरा कलश थाप्या
माटी केरा पाट
माटी केरा पाट बिराजीया
नर निकलंकी राम
बाबा रामदेव बाबा रामदेव
बाबा रामदेव बाबा रामदेव।।
अलख धणी री आरती
गुरा चवर ढोलाय
कुंकुम ने केसर रा धणी रे
छाटना छंटाय
बाबा रामदेव बाबा रामदेव
बाबा रामदेव बाबा रामदेव
आवो बाबा पधारो बाबा
आवो बाबा पधारो बाबा।।
गायक दिनेश माली जी।
प्रेषक मनीष सीरवी
9640557818
alakh dhani ri aarti lyrics