अखियां रे आगे रेवो दिनों रा नाथ निजरो रे नेङा लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










जोगन होय मैं जग ढूंढीओ
जोगीड़ो नहीं लाधो जोय
त्रिकुटी महल के गोखड़े
सहज मिलापा होय
अखियां रे आगे रेवो दिनों रा नाथ
निजरो रे नेङा
हा राम हरदम नेङा नेङा।।


दिल दरिया में जोवियों
मोती लाधा है जोय
ओय मोती हरि का हंस चुगत है
घट उजवाला होय
अखियाँ रे आगे रेवो दिनों रा नाथ
निजरो रे नेङा
हा राम हरदम नेङा नेङा।।


जव जितरो हरि देवरों
तिल जितरो परियाण
उन देवलियो को देवता
आत्म को आधार
अखियाँ रे आगे रेवो दिनों रा नाथ
निजरो रे नेङा
हा राम हरदम नेङा नेङा।।


शिखर चढ़े हरि ने जोवियो
चहुदिस भयो उज्वाल
सधर धज्या दिखे श्याम की
परसे हरि का लाल
अखियाँ रे आगे रेवो दिनों रा नाथ
निजरो रे नेङा
हा राम हरदम नेङा नेङा।।









भय भागा निर्भय हुआ
पूरी मोहिले री आश
बादली बरसी हरि प्रेम की
भीगे भीगे रायमल दास
अखियाँ रे आगे रेवो दिनों रा नाथ
निजरो रे नेङा
हा राम हरदम नेङा नेङा।।


जोगन होय मैं जग ढूंढीओ
जोगीड़ो नहीं लाधो जोय
त्रिकुटी महल के गोखड़े
सहज मिलापा होय
अखियां रे आगे रेवो दिनों रा नाथ
निजरो रे नेङा
हा राम हरदम नेङा नेङा।।



8302031687










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