अजी हार कर के कहाँ जाओगे तुम भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










अजी हार कर के
कहाँ जाओगे तुम
जहाँ जाओगे तुम
इन्हे पाओगे तुम
अजी हार कर कें।।
तर्ज अजी रूठ कर अब।


वचन जो दिया है
निभाता रहेगा
ये हारे हुए को
जीताता रहेगा
चाहे लाख पर्दो में
छुपकर के रह लो
मगर इनको हरपल
नज़र आओगे तुम
अजी हार कर कें
कहाँ जाओगे तुम।।


जो दिल में छिपा है
इन्हे तू बता दे
तेरे मन की पीड़ा
इन्हे तू सुना दे
गिरे को गिराना
है रीत पुरानी
मगर इनको पा के
सम्भल जाओगे तुम
अजी हार कर कें
कहाँ जाओगे तुम।।









कहे श्याम इनसे
तू रिश्ता बना ले
गमो की तू बदली
को पल में हटा ले
चाहे जाओ ना जाओ
फिर तुम कहीं पे
मगर जिंदगी भर
यहाँ आओगे तुम


अजी हार कर कें
कहाँ जाओगे तुम।।


अजी हार कर के
कहाँ जाओगे तुम
जहाँ जाओगे तुम
इन्हे पाओगे तुम
अजी हार कर कें।।













aji haar kar ke kahan jaoge tum lyrics