ऐसी छवि है मेरे राम की ऐसी छवि है मेरे श्याम की लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
ऐसी छवि है मेरे राम की
ऐसी छवि है मेरे श्याम की
एक कौशल्या का दुलारा
दूजा यशुदा की आंखों का तारा
ऐसी छवि हैं मेरे राम की
ऐसी छवि है मेरे श्याम की।।
कभी बाणों को धनु पर चढ़ाते
कभी बंसी की धुन पर नचाते
कभी रघुवर कभी श्यामसुन्दर
कभी गोपियों के चित्त को चुराते
प्यारी राधा प्रिया श्याम की
राम जी की सिया जानकी
ऐसी छवि हैं मेरे राम की
ऐसी छवि है मेरे श्याम की।।
बेर झूठें कभी छिलके खाकर
प्रिय सुदामा के तंदुल चबाकर
अपने भक्तों का मान बढ़ाते
अपनी सारी हदों को भुलाकर
ऐसी लीला रचाएं राम जी
ऐसी लीला दिखाएं श्याम जी
ऐसी छवि हैं मेरे राम की
ऐसी छवि है मेरे श्याम की।।
पाप को कर खतम इस धरा से
राम ने पापी रावण को मारा
धर्म रक्षा के खातिर मही से
श्याम प्यारे ने कंस संहारा
ऐसी महिमा है रघुनाथ की
ऐसी महिमा है यदुनाथ की
ऐसी छवि हैं मेरे राम की
ऐसी छवि है मेरे श्याम की।।
ऐसी छवि है मेरे राम की
ऐसी छवि है मेरे श्याम की
एक कौशल्या का दुलारा
दूजा यशुदा की आंखों का तारा
ऐसी छवि हैं मेरे राम की
ऐसी छवि है मेरे श्याम की।।
aisi chavi hai mere ram ki bhajan lyrics