अगर इस जहाँ में कोई गुरु ही ना होता भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
कोई काम दुनिया में
शुरू ही ना होता
अगर इस जहाँ में
कोई गुरु ही ना होता
अगर इस जहां में
कोई गुरु ही ना होता।।
तर्ज श्याम तेरी बंसी।
गीता रामायण ने समझा दिया है
सभी सार धर्मो का इसमें लिखा है
गुरु ब्रम्हा विष्णु गुरु शिव होता
गुरु ब्रम्हा विष्णु गुरु शिव होता
अगर इस जहां में
कोई गुरु ही ना होता।।
प्रभु राम ने गुरु की महिमा को जाना
तभी विश्वामित्र और वशिष्ठजी को माना
माने जो गुरु को उसे दुःख ना होता
माने जो गुरु को उसे दुःख ना होता
अगर इस जहां में
कोई गुरु ही ना होता।।
सीता को गुरु मिली सती अनुसुइया
दिया ज्ञान भक्ति का कुटिया में मैया
पति की करो सेवा तो बड़ा सुख होता
पति की करो सेवा तो बड़ा सुख होता
अगर इस जहां में
कोई गुरु ही ना होता।।
कोई काम दुनिया में
शुरू ही ना होता
अगर इस जहाँ में
कोई गुरु ही ना होता
अगर इस जहां में
कोई गुरु ही ना होता।।
agar is jaha me koi guru hi na hota lyrics