ए साधु भई हरीजन हरी का प्यारा भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
ए साधु भई हरीजन हरी का प्यारा
अरे आठो पोर निव उनके माई
आठो पोर निव उनके माई
जन्म मरन से न्यारा
ओ साधु भई हरीजन हरी रा प्यारा।।
ए पार ब्रह्म का अरे खेल अनंती
जग से तन एक सारा
अरे नदी नाला मिलीया रे सिन्धु मे
नदी नाला मिलीया रे सिन्धु मे
अरे कौन कहे जल न्यारा
ए साधु भाई हरीजन हरी रा न्यारा
अरे आठो पोर निव उनके माई
जन्म मरन से न्यारा
ओ साधु भई हरीजन हरी रा प्यारा।।
जल वायु अरे धरती आकाश बीरा
सृष्टि सुने नहीं सारा
अलख अरूपी देश दिवाना
अलख अरूपी देश दिवाना
अरे परम सिया चिह्नरकारा
ए साधु भाई हरीजन हरी रा न्यारा
अरे आठो पोर निव उनके माई
जन्म मरन से न्यारा
ओ साधु भई हरीजन हरी रा प्यारा।।
बीरा पक बिना मास मास नही बसता
जुग बिना योग अपारा
ओरावर सब घट में व्यापे
ओरावर सब घट में व्यापे
नींग करू न्यारा
ए साधु भाई हरीजन हरी रा न्यारा
अरे आठो पोर निव उनके माई
जन्म मरन से न्यारा
ओ साधु भई हरीजन हरी रा प्यारा।।
भई दिनसुखराम गुरू पूरा मिलीया
अरे पल्टीया हंस अपारा
अरे भई दिनसुखराम गुरू पूरा मिलीया
अरे पल्टीया हंस अपारा
ईश्वर राम आद का स्वामी
ईश्वर राम आद का स्वामी
अरे अटे अमर घर दाता
ए साधु भाई हरीजन हरी रा न्यारा
अरे आठो पोर निव उनके माई
जन्म मरन से न्यारा
ओ साधु भई हरीजन हरी रा प्यारा।।
ए साधु भई हरीजन हरी का प्यारा
अरे आठो पोर निव उनके माई
आठो पोर निव उनके माई
जन्म मरन से न्यारा
ओ साधु भई हरीजन हरी रा प्यारा।।
गायक शंकर जी टाक।
प्रेषक मनीष सीरवी
9640557818
ae sadhu bhai harijan hari ka pyara lyrics