अब चलना मुश्किल हो गया कि करिए कि करिए भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










अब चलना मुश्किल हो गया कि करिए कि करिए
तर्ज दिल चोरी सांटा हो गया
शेर
जा रहे हनुमत नभ से कर मेँ पर्वत उठाय
समझ भरत ने आसुरी माया दिया बाण चलाय।
होके मूर्छित पड़ा धरण मेँ मुख से निकला राम राम
लगा बाण घुटने मेँ दर्द रह्या बहुत सताय॥
अब चलना मुश्किल हो गया
कि करिए कि करिए
हो ज्यासी प्रभात
थरथर काँपे है गात
हे प्रभु मैँ क्या करूँ
बचना लखन का मुश्किल हो गया
किँ करिए किँ करिए॥
चलना मुश्किल
बोले भरत सुनो बलवाना
नाम क्या आपका ये बताना।
कहाँ से आये कहाँ है जाना
पर्वत पड़ा क्योँ उठाना॥
बोले भरत कहाँ से
काम क्या पर्वत से हो गया
किँ करिए किँ करिए॥१॥
चलना मुश्किल







नाम हनुमत अंजनी का जाया
मुर्छित है लखन दुख भारी छाया।
बूँटी लेने मेँ द्रोणाचल आया
मिली नहीँ तो पर्वत ही उठाया॥
नाम हनुमत बूँटी लेने
पहुँचना अब मुश्किल हो गया
किँ करिए किँ करिए॥२॥
चलना मुश्किल
गात मेरा बहुत दुख पाये
पर्वत उठाया अब ना जाये।
फिकर घणा ये सताये
लखन को अब कौन बचाये॥
गात मेरा फिकर
हे प्रभु क्या से क्या यह हो गया
किँ करिए किँ करिए॥३॥
चलना मुश्किल
कहे भरत चिन्ता न करो मनमेँ
बैठो बाण पर पहुँचादू पल छिन मेँ।
हनुमत ने ध्यान प्रभु का लगाया
चल पड़े उड़कर गगन मेँ॥
कहे भरत हनुमत
कहे खेदड़ पवन वेग हो गया
किँ करिए किँ करिए॥४॥
चलना मुश्किल
अब चलना मुश्किल हो गया
कि करिए कि करिए
हो ज्यासी प्रभात
थरथर काँपे है गात
हे प्रभु मैँ क्या करूँ
बचना लखन का मुश्किल हो गया
किँ करिए किँ करिए॥
चलना मुश्किल








ab chalna mushkil ho gaya bhajan lyrics